ग्रंथालय
छात्रो के बौद्धिक विकास एवं अध्ययन सुविधा हेतु महाविद्यालय में समृद्ध पुस्तकालय है। पुस्तकों का उपयोग निदिष्ट नियमों के अंतर्गत संभव हो सकेगा। ग्रंथालय के कार्यों को सुचारू रूप से संचालन के लिये ग्रंथपाल उत्तरदायी होंगें। उनकी सहायता के लिये ग्रंथालय समिति होगी।
ग्रंथालय नियमावली
ग्रंथालय की सुविधाओं से लाभ उठाने वाले छात्र-छात्राओं को अनिवार्यतः पुस्तकालय के नियमों का पालन करना होगा। पुस्तक 15 दिनों की अवधि के लिये निर्गमित की जावेगी यदि पस्तके निर्धारित तिथि पर नहीं लौटाई गयी तो प्रतिदिन के प्रति पुस्तक की दर से विलम्ब शुल्क चुकाना होगा। निर्धारित तिथि के उपरान्त पुस्तक को रखने के इच्छुक पाठको को पुस्तकालय से नवीनीकरण करवाना होगा। ग्रंथालय के पुस्तको को फाइना, उन पर लिखना अथवा अन्य किसी प्रकार की क्षति पहुँचाना वर्जित है। ग्रंथालय से जाने के पूर्व भली भाँती जाँच कर लेनी चाहिए। अतः किसी प्रकार की काट-छाट अथवा क्षति को सूचित कर देना चाहिए। अन्यथा उक्त पाठक को उत्तरदायी ठहराया जावेगा। और पुस्तक की नवीन प्रति अथवा उमका मूल्य चुकाना (भरना) होगा। पुस्तक के गुमने या न लौटा पाने की दशा में वर्तमान बाजार मूल्य की दुगनी राशि व देय फाईन चुकाना होगा। संदर्भ ग्रंथ, विशिष्ट पुस्तके एवं पत्रिकायें केवल ग्रंथालय में उपयोग किये जा सकते है। उन्हें निर्गत नही किया जावेगा। छात्र-छात्रायें ग्रंथालय में शांत रहेंगें। . परिचय-पत्र अनिवार्य रूप से लाना है। बुक बैंक योजना के अंतर्गत प्रत्येक अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्र-छात्राओं को ग्रुप में पुस्तके पढ़ने को दी जाती है। उपरोक्त ग्रंथालय के नियमों का अवज्ञा करने पर ग्रंथालय प्रवेश नियमित करने का अधिकार निरस्त किया जाता है।
वाचनालय :
ग्रंथालय में ही वाचनालय की व्यवस्था छात्रों के मानसिक विकास के लिये समाचार पत्र व अन्य पत्र-पत्रिकायें वाचनालय में उपलब्ध रहती है, जिन्हे अवकाश के समय छात्र प्राप्त कर अध्ययन कर सकता है, जो छात्र वाचनालय में आता है। उसका यह दायित्व है कि वह देखे कि उससे वहां उपस्थित अध्ययनशील छात्र को कोई कठिनाई न हो।