History

इस महाविद्यालय की स्थापना दिनांक 19/06/2018 को छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य बजट 2018-19 में प्रावधान अनुसार तत्पश्चात् कार्यालय आयुक्त उच्च शिक्षा संचालनालय के आदेश क्र. 170/264/आ.उ.शि./योजना/2018 के द्वारा ’’शासकीय नवीन महाविद्यालय नगरदा’’ के रूप में की गई। कालान्तर में छत्तीसगढ़ शासन, उच्च शिक्षा विभाग के आदेश क्र. एफ.17-7/18/38-1, अटल नगर रायपुर दिनाँक 06/10/2018 के द्वारा इस महाविद्यालय का नामकरण ’’अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय महाविद्यालय नगरदा’’ के रूप में किया गया है।


यह महाविद्यालय जांजगीर-चाँपा जिले के अन्तर्गत चाँपा-सक्ती मार्ग में ग्राम नगरदा में चाँपा रेलवे जंक्शन से 20 कि.मी. एवं सक्ती विकासखण्ड से 18 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। रमणीय प्राकृतिक तथा धार्मिक स्थलो से घिरे हुए इस महाविद्यालय के आसपास के प्रमुख दर्शनीय स्थलो में राष्ट्रीय स्तर पर जैन धर्मावलंबियो में लब्धप्रतिष्ठित ’’ऋषभ तीर्थ दमाऊधारा’’, शिवलिंग पर अविरल रूप से प्राकृतिक जल स्त्रोत प्रवाहित प्रसिद्ध शिव मंंिदर ’’तुर्रीधाम’’, चारो तरफ से उँची पहाड़ियो घिरा हुआ अद्भूत ग्राम ’’रैनखोल’’ तथा नवलब्धप्रतिष्ठित ’’गुढ़वा का झरझरा जलप्रपात’’ प्रमुख है।

अपने स्थापना काल में अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर से संबंद्धता प्राप्त इस महाविद्यालय में स्नातक स्तर पर कला, विज्ञान तथा वाणिज्य तीनों संकायो में कक्षाएँ संचालित है। शैक्षणिक सत्र 2021-22 में इसे नव स्थापित शहीद नंदकुमार पटेल  विश्वविद्यालय रायगढ़ से संबंद्ध किया गया है। इसी सत्र से ही यहाँ स्नातकोत्तर स्तर पर एम.ए. समाजशास्त्र एवं एम.ए. हिन्दी साहित्य की कक्षाएँ प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है।

अपने स्थापना काल से ही यह महाविद्यालय इस वनांचल क्षेत्र के विद्यार्थियों विशेष रूप से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा निर्धन विद्यार्थियों में उच्च शिक्षा की अलख जगाये हुए है। राष्ट्रीय सेवा येजना तथा अन्य सामाजिक शैक्षणिक गतिविधियों के द्वारा महाविद्यालय अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन तत्परता पूर्वक कर रहा है। महाविद्यालय का मूल उद्धेश्य ’’क्षेत्रीय स्तर पर उच्च शिक्षा की आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुए विद्यार्थियों को एक स्वस्थ एवं उत्कृष्ट शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराना है।’’